कलम

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कलम..... मेरे दर्द का बढाती है कलम.. मुझे हक़ीक़त का आईना दिखाती है कलम. जो सेह चुका दर्द उस जख्म को नासूर बनती है कलम. छुपा कर रखता हु मै एहसास ...

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