लेखनी कविता - स्वयं संवाद

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स्वयं संवाद 🍁🍁🍁 सब कहते हैं  कितना बोलती हैं तू  थोड़ा चुप रहा कर सच कहते हैं..  मैं बोलती बहुत  हूँ और हाँ मुझे बोलना हैं ताकि मुझे सुना जा सकें..  ...

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