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शीर्षक- मेरी सांसों में तुम्हारा आभास हे हमसफर! तेरे आने का होता आभास, नैन पलके झुका कर बैठे है आज। दहलीज पर बैठकर कर रहे हैं इंतजार, हाथ में लेकर थाली ...