दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय ऋतु वर्णम्म

1 Part

299 times read

16 Liked

ऋतु वर्णनम ग्रीष्मऋतु गर्मी में तवा सी तपै धरती,झुकि आयो मनौ जग पे दिनकर। तन स्वेद भरौ,मन खेद भरौ,बस बिजना डोलावत हैं दोउ कर। नदियाँ, सर,कूप,तड़ाग डरे,सिकुड़े से रहे लखि भय ...

×