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ख्वाब देखना बिलकुल सही है। कुछ ख्वाब जो हकीकत में पूरे नहीं हो सकते, पर देखने में क्या जाता है।अनुभूति जीवन की सार्थकता है मगर खुली आंखों से ख्वाब देखना गलत ...