कैसे भरेंगे जख्म

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कैसे भरेंगे जख्म? ये घाटी, ये  वादी, सब  महकते  फूलों से,  काश, ये आसमान भी महकता फूलों से। फूलों से लदे  मौसम ये  मटमैले दिख रहे,  समझ लेते प्रकृति का असंतुलन,फूलों ...

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