मार किस्मत कि

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ये आखे फिर से रास्ता देख रही है ख़ुशी का  न जाने वो तो रास्ता ही भूल गई हे मेरे घर का गमो के काले घने बादल कब छटेंगे मेरे जीवन से ...

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