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अगीत (प्रार्थना) लम्बोदर ने कृपा दृष्टि की, श्वेता श्री ने दिया सहारा। बुद्धि विवेक जगाकर दिल में, सुर शब्दों का संयोजन कर। लेखन मन को जागृत करके, शक्ति लेखनी में भर ...