1 Part
364 times read
14 Liked
झुकी पलकें मन मेरा भारी है झुकी पलकें है और आसमान भीग कर काली चादर ओढ़े अपना मुख छुपाए मेरे वजूद से मुख मोड़ कर खड़ा हो आज किसी ओर की ...