1 Part
164 times read
6 Liked
गीत जो निरर्थक है हम उसकी, चाह करते जा रहे हैं। सार्थकता की कहां, परवाह करते जा रहे हैं।। आधुनिक युग में सभी को, प्रिय सभी से अर्थ लगता। बैठ कर ...