1 Part
436 times read
20 Liked
ओ जीवन के साथी कितने ऋतु बीते तुम साथ रहे हरदम जीवनसाथी बनके। कितने मौसम आये कितने बीत गए सुख के बादल कभी और कभी बाधाएं पर जब भी मुड़कर देखा ...