कान्हा की मुरली

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कान्हा कि मुरली  मुरली की तानें जब बजती है मन नृत्य करता है  खो जाता है।। ऐसे ही खोना चाहती हूं कान्हा में।। रंग उड़ता है चेहरे पर पड़ता है पिचकारी ...

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