कान्हा की मुरली

1 Part

331 times read

18 Liked

कान्हा कि मुरली  मुरली की तानें जब बजती है मन नृत्य करता है  खो जाता है।। ऐसे ही खोना चाहती हूं कान्हा में।। रंग उड़ता है चेहरे पर पड़ता है पिचकारी ...

×