1 Part
319 times read
21 Liked
शीर्षक -- ममता विधा -- कृपाण घनाक्षरी भूखे पेट रहकर, दुख सारे सहकर, ममता में बहकर, करती है उपवास। उसके जैसा न कोई, रात भर नहीं सोई, अकेले में खूब रोई, ...