ममता -02-Dec-2022

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                     कविता- ममता घनी घनी अति है भरी, मां ममता की छांव।  शीतल तो शीतल भली, जीवन भर की गांव।।  ममता तुझमें मां भरी,तू ममता की खान।  तेरी ममता के तले,पले बढ़े ...

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