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ममता का रूप नारी ने ममता का रूप धारा, सारा जहान फिर उस पर वारा। कष्ट उठाए कितने यहांँ, अपने शरीर में दूजा शरीर धारा। क्षण क्षण उसको आकार देती, कभी ...