धागे

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ये धागे मन्नतों के तोड़ दिये हमने वो ख्वाव मिलन के छोड़ दिये हमने । अब उजालों की कोई जरूरत ना रही तन्हा रातो से रिश्तें जोड़ लिए हमने ।। कहाँ ...

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