ये मैं ही था

1 Part

380 times read

18 Liked

 ये मैं ही था यह मैं ही था जो खुद को किनारे तक ले आया जमीं पर पैर रख समझ आया कि बहता समंदर ही शायद अच्छा था जहां ना कोई ...

×