लेखनी कविता -03-Dec-2022

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*मेरा गाँव* छोटा सा है गाँव हमारा,  मिट्टी से कच्चा घर बना हमारा शीतलता का ना कोई ठिकाना, अपनेपन से भरा गाँव हमारा लहराते हरेभरे खेत,पशुओं की  घंटी की ध्वनि सुनो ...

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