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लघुकथा ःरेशम की डोर ★★★★★★★★★ आज रक्षाबंधन का त्यौहार था। नीति सुबह से ही नहाधोकर तैयार हो गई थी।हाथों में भरभरकर रचाई मेंहदी अपनी सुर्ख रंग बिखेर रही थी। कल ही ...