मंज़िल

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ख्वाब सजे है ,धीरज धरे है मंज़िल दूर है , रास्ते मजबूर है! आंखो में  सजतें  है सपने राहों में कौन है ?मेरे अपने! धीरे धीरे चल रहा हूं नंगे पांव ...

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