कलयुग का संसार -06-Dec-2022

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दोहा -कलयुग का संसार चिंता करो न देख कर,अजब गजब व्यवहार।  घबड़ाओ ना सोंच यह,कलयुग का संसार।।   रिश्तों की ना रीति अब,बचा रहा कुछ शेष।  कलयुग के संसार में, बदला कैसा ...

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