इश्क़ की मंज़िल

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रोज मुझे हो जाता तुझसे नया नया सा प्यार खो जाती तेरी आँखों में देखूं मैं जितनी बार रोज ही धड़कन बढ़ती है दीवानी मैं हो जाती हूँ तू जब खिल ...

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