उसके हिस्से कुछ ज्यादा ही आया।

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उसके हिस्से कुछ ज्यादा ही आया। बात कर रहा हूं ,घायल सुख की, जिसे नारी को, कम अक्सर मिलते ,पाया।। पैदा होना कहा आसान था, भय जनक,जननी,से समाज तक, सब, तो ...

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