समझ –स्वरूप व स्वभाव की–२

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जितनी ऊंची आपकी चेतना है आपके जीवन में उतना ही सुख आ सकता है दुख को आकर्षित करने के लिए अधिक जीवन ऊर्जा की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि दुख और नकारात्मकता ...

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