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🌹🌹🌹स्वैच्छिक समर्पण🌹🌹🌹 उसका यू दुख प्रकट करना अंदर का गुबार था । उसकि जीवन रूपी गाड़ी अनसुलझी पहेली का हिस्सा था। चोट इतनी ज्यादा थी की जबा पर स्वेच्छा से मुखरित ...