कुछ पन्ने जिंदगी के

1 Part

203 times read

22 Liked

अब कौन रोज़ रोज़ ख़ुदा ढूंढे, जिसको न मिले वही ढूंढे .. रात आयी है, सुबह भी होगी, आधी रात में कौन सुबह ढूंढे.. जिंदगी है जी खोल कर जियो, रोज़ ...

×