लेखनी दोहा -13-Dec-2022

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पाया हे मनुज तन करो एक दूजे  से  प्यार। मानुष तन का कष्ट मिटै ,होए सुखी संसार ।। परोपकार कर प्राणी, बढ़े आत्मविश्वास। गरीब-अमीर मनुज हो,रखते सब मन में आस।। प्रेम ...

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