स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत

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वर्तमान के किसी भी अंधकार में केवल विवेक और आदर्श की रोशनी ही हमें राह दिखा सकती है। 'न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते' गीता का यह वचन हम पर बहुत ...

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