बेइंतहा

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मन्नतो में तुम हमारे एक ख्वाब सा हो किसी हल्की बरसात के पीछे, एक ठहरी मेहताब सा हो बेइंतहा चाहत की हक़दार हो तुम, तुम एक नज़्म नायाब सा हो । ...

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