बेइंतहा

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अपनी चाहतों में उसका ही इज़हार करते हैं, बेइंतहां उसकी मन्नतें और बेशुमार करते हैं मांगते हैं उस रब से आज एक दुआ, और उस दुआ में तेरा ज़िक्र बार-बार करते ...

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