1 Part
335 times read
16 Liked
बढ रहा मन का बौझ रुकती हुई धड़कन ए धीमी हुई सांसे बुला रही किसी अपने को बढ़ रहा है मन का बोझ करीब नहीं कोई स्नेह के फिर भी याद ...