1 Part
447 times read
19 Liked
उम्र की डोर से फ़िर एक मोती झड़ रहा है तारीख़ों के जीने से दिसम्बर फ़िर उतर रहा है.. कुछ चेहरे घटे, चन्द यादें जुड़ी, उम्र का पन्छी नित दूर और ...