तुम हाथ नहीं थामोगी तो किधर जाऊंगा

1 Part

242 times read

19 Liked

मैं सहर नहीं जो कि शब उतर जाऊँगा, पत्ता नहीं जो शज़र से टूट बिखर जाऊँगा। तुम मेरा हाथ पकड़ कर रोको तो सही, मैं तो ताउम्र तुम्हारे लिए वहीं ठहर ...

×