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दैनिक प्रतियोगिता:- कविता:- लक्ष्य:- जब भी बनाओगे कोई लक्ष्य सदैव उसमें पाओगे एक पक्ष तो दूसरा विपक्ष तुम्हें होना होगा हर हाल में सबसे दक्ष अपने ही मन के कोने को ...