कबीर दास जी के दोहे

255 Part

106 times read

1 Liked

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।। अर्थ: मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है। अगर कोई माली किसी पेड़ को ...

Chapter

×