1 Part
261 times read
20 Liked
तुम वही हो तुम वही हो जो भरे नित इक मधुर कसक अलक्षित जैसे जन्मों की प्यास को आए मिटाने हो अपरिचित उमड़ घुमड़ कर नैना झरते स्वर्ण स्वप्न के मोती ...