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तुम वही हो तुम वही हो जो भरे नित इक मधुर कसक अलक्षित जैसे जन्मों की प्यास को आए मिटाने हो अपरिचित उमड़ घुमड़ कर नैना झरते स्वर्ण स्वप्न के मोती ...