कबीर दास जी के दोहे

255 Part

91 times read

1 Liked

कहत सुनत सब दिन गए, उरझि न सुरझ्या मन कही कबीर चेत्या नहीं, अजहूँ सो पहला दिन।।  अर्थ : कहते सुनते सब दिन निकल गए पर यह मन उलझ कर न ...

Chapter

×