कबीर दास जी के दोहे

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लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट पाछे फिर पछताओगे , प्राण जाहि जब छूट।।  अर्थ : कबीर दास जी कहते हैं कि अभी राम नाम की लूट मची ...

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