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कविता ःफना... ************** गुरुर-ए-वतन तुझमें तू ही मेरा प्यार ,तू ही मेरी शान तू ही मेरी इबादत तू आबरु मेरी,तू ही मेरी जान तू कतरे कतरे पर मेरे... तू है बस ...