कबीर दास जी के दोहे

255 Part

92 times read

1 Liked

कबीर क्षुधा कूकरी, करत भजन में भंग  वाकूं टुकड़ा डारि के, सुमिरन करूं सुरंग।।  अर्थ : संत कबीरदास जी कहते हैं कि भूख ऐसी कुतिया के समान होती है जो कि ...

Chapter

×