लेखनी कविता -22-Dec-2022

1 Part

307 times read

21 Liked

*पैगाम* वो जमाना था कपोत ले जाते थे हमारे पैगाम  बिरहनी के हृदय जगाते थे प्यार का अरमान तेरे पैगाम आने का रहता था इंतजार डाकिया की बाँट में दरवाजे पर ...

×