अनकहे अल्फाज –२

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एक रोज़ अग़र मैं, ये ख़ता कर दूं। आंखे बंद कर तेरी तस्वीर तुझे बयां कर दूं। तुमसे हर सुबह हर शाम रहे! तू बस रहने आ मेरे गेह में,मैं हर ...

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