अनकहे अल्फाज –३

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तेरी दुनिया में नहीं रहता था, फिर भी मैं तुझमें कहीं रहता था, चांद तारे थे तिरी जुल्फों में, मैं भी वहीं रहता था, मैं हूँ मैं, और मैं बन के ...

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