लेखनी कविता -23-Dec-2022

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*कोरोना* कैसे नकटे हो तुम, फिर दौड़े आ रहे । थोड़ी सी सुधरी, जिंदगी तुम आ रहे।। घर बाहर मचा तहलका तुम आ रहे। मास्क दो गज की दूरी ध्यान रख, ...

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