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(श्री सवैया-8×जगण -121+1दीर्घ-2) (ॐ प्रां प्रीं प्रों स शनये नम : !) उमेसहिं रंगु सरीरहिं केरि धरे निलहा त अहैं रबिनंदना । बलीमुखु देउ सबै कछु ...