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कविता -आज का समय आज का समय मजबूर है, अपनेपन से दूर है, प्रश्न,अंत आतंक से भरपूर है, प्रश्नों का उत्तर नही उत्तरों पर ही प्रश्न है शासनों पर क्या दुहाई? ...