1 Part
290 times read
10 Liked
सोचती हूं नारी किन शब्दों में तेरा मान लिखूं या जो छोड़ा परहित में वह स्वहित तेरा सम्मान लिखूं लिख डालूं छाती को चीर या गगन पर उकेरूं इसको सम्हालने को ...