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सोचती हूं नारी किन शब्दों में तेरा मान लिखूं या जो छोड़ा परहित में वह स्वहित तेरा सम्मान लिखूं लिख डालूं छाती को चीर या गगन पर उकेरूं इसको सम्हालने को ...