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प्रतियोगिता हेतु मुक्तक काँटे चुभे हमेशा ही, फूलों की राह में। खलते रहे गरीब , अमीरी निगाह में।। सजदा करेंगे शौंक से, बस एक बार तुम। इन मुफलिसों को लीजिए, अपनी ...